कृष्ण कौशिक
फरीदाबाद। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राष्ट्रीय कोच मदन लाल ने मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU) के विधि स्कूल द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में शिरकत की। चर्चा का विषय था — “खेल प्रशासन और नैतिकता: पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।” इस कार्यक्रम का आयोजन सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी, लॉ एंड गवर्नेंस द्वारा किया गया, जिसमें खेल जगत की प्रमुख हस्तियों और प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
पैनल चर्चा के दौरान वक्ताओं ने खेल प्रबंधन, नैतिक प्रथाओं, पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे अहम मुद्दों पर विचार साझा किए और बताया कि सुदृढ़ शासन प्रणाली से भारत में खेलों की विश्वसनीयता और ईमानदारी को कैसे और मजबूत किया जा सकता है।
1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य और भारत के सम्मानित क्रिकेट विश्लेषक मदन लाल ने क्रिकेट के बदलते स्वरूप और उभरते रुझानों पर अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“शॉट्स आज भी वही हैं, लेकिन अब खिलाड़ी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अधिक नवाचार ला रहे हैं। छोटे फॉर्मेट ने क्रिकेट को और अधिक फोकस्ड और मनोरंजक बना दिया है। साथ ही, युवा खिलाड़ियों की बढ़ती भागीदारी खेल में नई ऊर्जा और प्रतिभा ला रही है।”
उन्होंने खेल प्रशासन में पेशेवर दृष्टिकोण और संरचित शासन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा,
“खेल में सफलता अनुशासित सिस्टम, जिम्मेदार प्रबंधन और निरंतर प्रदर्शन से मिलती है। एक अच्छा प्रशासक या कोच जवाबदेह होना चाहिए और यह सुनिश्चित करे कि सिस्टम युवा प्रतिभाओं का सही विकास करे। केवल सक्षम, नैतिक और पारदर्शी नेतृत्व के जरिए ही देश हर खेल में चैंपियन तैयार कर सकता है।”
यह इंटरैक्टिव सत्र छात्रों के लिए खेल, कानून और नैतिकता के बीच संबंधों को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर साबित हुआ। इससे उन्हें यह जानने का अवसर मिला कि सही प्रशासन और नीति निर्माण से खेलों में निष्पक्षता और जवाबदेही को कैसे सशक्त किया जा सकता है।
मानव रचना विश्वविद्यालय के विधि स्कूल की इस पहल का उद्देश्य छात्रों में समकालीन व बहु-विषयक संदर्भों में कानूनी सिद्धांतों की समझ और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना है।